राम नाम जपने वाला मरता नहीं ! 

Oct 22, 2016


परम पूज्यश्री डॉ विश्वामित्रजी महाराजश्री कहते हैं कि राम नाम जपने वाला कभी मर ही नहीं सकता।वह तो परमेश्वर में प्रवेश कर जाता है । श्रीरामकृष्ण परमहंस जी का भी यही राम मंत्र , स्वामीविवेकन्द का भी यही राम मंत्र, मीराबाई का भी यही राम मंत्र, पूज्य स्वामीजी महाराजश्री का भी यही राम मंत्र, हमारा भी यही राम मंत्र । 

पर हम सोचते हैं , हम कहाँ और वे कहाँ! पर मंत्र तो वही है !! फिर कहाँ कमि है ? हमारे अंदर !! 
क्या तात्पर्य जब पूज्य गुरूदेव कहते हैं कि राम नाम जपने वाला कभी मर नहीं सकता? 
कौन मरता है ? मैं मरूँगी ? मैं मतलब अनुपमा? अब अनुपमा तो इस देह का नाम है ! यही सीखा ! देह तो किसी की नहीं रहती ! तो क्या मैं केवल देह हूँ ? जो यह सोच रहा है वह? मन? क्या मैं फिर मन हूँ ? मन तो पल पल बदलता रहता है! यह तो हर पल मरता व जन्म लेता है ! फिर कौन नहीं मरता ? बुद्धि ? अहंकार ? अहंकार का मरना तो अवश्म्भावी है !! फिर कौन ? कौन है जो इन सब का साक्षी है। किसने अनुपमा को छोटे होते देखा,उसके हर कृत को देखा व अब भी साक्षी है ? वह आत्मा !! हम सब जानते हैं यह ! कि आत्मा नहीं मरता ! 

पर इस पंक्ति में खास क्या है फिर कि ” राम नाम जपने वाला नहीं मरता वह तो परमेश्वर में समा जाता है !”
राम नाम जपने वाले की वह सब पर्तें गिरनी सम्भव हैं । आम मानव का आत्मा तो मन, बुद्धि व अहंकार की जन्मों जन्मों की पर्तें लेकर जन्म मरण के चक्कर में आता जाता रहता है । पर राम नाम जपने वाला साधक , इन सब पर्तों को गिरा सकता है और अपने प्यारे में समाकर मर क्या जी भी सकता है , आजीवन, जिसे गुरूदेव जीवन्मुक्त कहते हैं ! 

पर क्या हर राम नाम लेने वाला ऐसा हो जाता है ? नहीं ! क्यों ? क्या कृपा अलग अलग बरसती है? 
नहीं ! गुरूदेव कहते हैं कृपा तो हर एक पर एक सी बरसती है पर जो साधक वासनाओं को लाँघ जाता है, मन को निर्विकार व निर्वचार कर लेता है, मोह व अहंकार को पार कर जाता है , वहाँ ही परमेश्वर में प्रवेश करना सम्भव होता है । या फिर सतत सिमरन व सम्पूर्ण समर्पण यदि कोई साधक करने में सक्ष्म हो जाता है तो वहाँ भी परमात्मा में प्रवेश सम्भव होता है । 

परम पूज्यश्री स्वामीजी महाराजश्री कहते हैं कि प्रेमपूर्वक राम नाम के जाप से कृपा अवतरित होती है । कृपा व राम नाम भिन्न नहीं हैं । जितना राम नाम उतनी कृपा । सो कृपा ही सब सम्भव बनाती है। हर परत गिराने में वह अमोघ कृपा सर्व सक्ष्म है ! 
सर्व श्री श्री चरणों में 🙏

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