सवा करोड़ संकल्प 

Dec 26, 2016


सवा करोड़ संकल्प के बारे में कुछ बताएँ । क्या इसके लिए श्री अधिष्ठान जी अनिवार्य हैं , क्या इसके लिए दीक्षा अनिवार्य है ? 
सवा करोड़ संकल्प का मतलब हम परमेश्वर के आगे वादा करते हैं कि हम आपके पावन परम प्रिय महामंत्र राम नाम का सवा करोड़ बार प्रेम पूर्वक जप करेंगे । 
पूज्य महाराजश्री कहते हैं यदि मन में भाव आया है यह करने का तो यकीन मानिए जो भीतर बैठे परमेश्वर हैं, जो सूक्ष्म रूप में गुरूतत्व हैं वे ही प्रेरणा का कारण हैं । सो यदि दीक्षा नहीं भी ली तो गुरूजनों को साक्षी मान कर , कि वे ही करवाने वाले हैं वे ही करने वाले हैं, सो उनके आशीर्वाद से यह पावन अनुष्ठान निर्विध्न सम्पन्न हो , यह आरम्भ कर सकते हैं । 
गुरूजन सिखाते हैं कि श्री अधिष्ठान जी , श्री रामशरणम् हमें स्मरण रखना है कि हमारे भीतर हैं । दीक्षा के समय परम पूज्य परमेश्वर श्री राम जो भीतर स्थापित किए जाते वे वही हैं । सो गुरूजन भी भीतर हैं । यहाँ राम नाम है वहाँ गुरूजन १००% वहीं विराजमान हैं । इसमें हम सब को कभी संदेह नहीं करना। जब भी रााााााओऽऽऽऽऽऽऽम हम उच्चारते हैं वहाँ गुरूजन उपस्थित हो ते हैं ! बाहरी की चिन्ता न करें । 
हज़ार मनकों की माला यदि है तो ५ माला सुबह व ४ माला सायं । हर मनके पर राम राम – राम राम का मानसिक जप। यह एक वर्ष में पूर्ण होगा। 
यदि और बढ़ाना चाहें या स्वयमेव बढ जाता है जप, तो जैसी रफ़्तार से बढता है बढ़ाते जाइएगा । 
सब वे ही करते हैं । यह हमें सदा स्मरण रखिएगा । पर किसी भी दिन कृपया खाली न हो पाए । 

महिलाओं के मासिक दिन में भी बंद नहीं करना। उन दिनों पूज्य महाराजश्री ने कहा है कि जप बढा देना चाहिए। 
सैर करते कर सकते हैं, यात्रा करते हुए कर सकते हैं । बिस्तर में कुर्सी पर कर सकते हैं । 
पर टीवी के आगे नहीं न ही बात चीत करते हुए । 

जब माला से जप नहीं कर रहे तो मन ही मन लम्बा रााााााओऽऽम ऽऽ लेकर प्रेम पूर्वक नाम लीजिए ! यह मानसिक पुकार गिनती में नहीं आएगी । गिनती केवल माला के साथ । 
श्री श्री चरणों में

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