कामना 

परम पूज्य श्री डॉ विश्वामित्र जी महाराजश्री के मुखारविंद से 

                        कामना 
साधक को एक ही चीज से, जिसपर उसका वश है , उससे बचने की ज़रूरत है, और वह है कामना । जहाँ कामना होगी वहाँ क्रोध भी होगा, ईर्ष्या भी होगी । बचने की चीज कामना । 
आचार्य बहिदर हुए हैं । उन्होंने वेदों पर भाष्य लिखा है । एक बार बिमार हुए।भाष्य लिखना बंद हो गया । प्रार्थना की । ठीक हो गए। फिर लिखना आरम्भ कर दिया। थोड़े दिनों बाद फिर से बिमार हुए। इस बार बहुत बिमार हो गए । प्रार्थना की । पर इस बार एक बार प्रार्थना से काम नहीं बना। रात भर प्रार्थना करते गए । रात में झपकी लग गई । प्रभु आए । कहा तुम्हें तो मैंने अपना कार्य करने भेजा था पर तुम तो मुझसे ही कार्य करवाने लग पड़े । एक बार बिमार हुआ तो मुझे कहा। दूसरा बार बीमार हुआ फिर मुझे कहा। जा अमुक डॉ के पास जा। जो काम वैद्य कर सकता है उसके लिए परमात्मा को क्यों कष्ट देना । यह एक साधक की भावना होनी चाहिए । 
एक साधक साधक जनों यदि अपने लिए कुछ माँगता है तो उसे कामना कहते हैं । यह उसकी साधना में बहुत बड़ी बाधा है । औरों के लिए माँगने में कभी कंजूसी न कीजिएगा । वह तो परमात्मा का काम है। आप उसके काम में सहायक हो रहे हैं । लेकिन अपने लिए कुछ माँगते हो, किसी भी प्रकार का , रोग निवारण , business ठीक नहीं चल रहा, कोई मुक़दमा आ गया है, विपत्ति आ गई है, इत्यादि इत्यादि । तो परमेश्वर क्या करता है? आपसे बंधन छुड़ा लेता है। तूने किया है तू भुग्त । मेरे पर छोड़ा हुआ होता, तो मैं तेरा सब कुछ सम्भाल लेता। तू तो हर छोटे काम के लिए मुझे ही कष्ट देता है। 
तो स्पष्ट होता है साधक जनों कि परमेश्वर ने हमें किसी काम के लिए किसी कर्तव्य निभाने के लिए अपना काम करवाने के लिए हमें भेजा हुआ है, न कि हम उससे अपना काम करवाएँ । 
जहाँ कामना होगी वहाँ अभिमान भी होगा । माँगने की तो यह चीज है परमात्मा से, परमात्मा बल दे, परमात्मा कृपा कर । यह मेरा कट्टर शत्रु अभिमान है इसका हनन कर । यह कामना नहीं है। परमात्मा से परमात्मा को माँगना ,परमात्मा से अपने दुर्गुणों दोषों को दूर करवाने की याचना करना कामना नहीं है। 
परमात्मा कहता है तू मेरी तरह बनना चाहता है, वह बना देता है। एक एक करके सारे दुर्गुण दोष दूर करता चला जाता है। बस भौतिक माँग बीच में न आए । तो वह आपका है। आपके लिए सब कुछ करने के लिए तैयार है। वही करने वाला है। वही सब कुछ करता है। कभी इन बातों को परख के देख लेना ।

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