बच्चे और प्रार्थना 

May 26, 2017


बच्चों को प्रार्थना का अर्थ समझाते व यह देखते हुए कि उनके बच्चे को प्रार्थना का अर्थ समझ आया है कि नहीं एक पिता ने अपने बच्चे से पूछा – 
यदि आप किसी की शारीरिक रूप से सहायता न कर सको तो और किस ढंग से सहायता कर सकते हो ? 
बच्चा बोला – प्रार्थना ! 
पिता ने कहा अब थोड़ा कठिन प्रश्न !! 

मानो कि किसी ने ( मित्र , प्रियजन, इचत्यादि) आपसे सहायता माँगी है । पर आपके बस में वह नहीं । पर आपने चुपके से गुप्त रूप से उसके लिए प्रार्थना कर दी ! 
अब गुप्त रूप से की तो उस मित्र को तो पता नहीं और वह एक दिन आकर दोषारोपण कर दे या नाराज हो जाए कि तुम तो सहायता नहीं करते, समय पर साथ नहीं देते, तो क्या तुम बता दो गे कि तुमने प्रार्थना की थी ? 
बच्चा बोला – नहीं !! 
पिता ने बच्चे को बहुत शाबाशी दी !!! 
हम भी कभी और किसी भी परिस्थिति में कभी यह बात बाहर न करें कि हमारे द्वारा परमेश्वर ने किसी के लिए प्रार्थना या सेवा करवाई !! चाहे कितना भी बुरा भला कोई कहे ! गुरूजन कहते हैं कि परमेश्वर ने आज तक कभी जताया नहीं कि वह हमारे लिए क्या क्या दिन भर हर पल करते हैं , हमें भी कभी नहीं उगलना !!! 
सब आपका व आपसे प्यारे

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