जब परिवार साधना में अवरोधक हो 

July 9, 2017


प्रश्न : मुझे मेरे ससुराल वाले कहते हैं कि राम नाम न जपा कर । तेरा घर टूट जाएगा !!! मेरे पति व अन्य सदस्य गुरूजनों के लिए अपशब्द उपयोग करते हैं । पर गुरूजन की असीम कृपा है कि मेरे कितने सवा करोड़ संकल्प ऐसे माहौल में भी उन्होंने पूर्ण करवाए ! 
प्रश्न : मेरे ससुराल वाले कहीं और आस्था रखते हैं । पर वे मेरे गुरूजनों व श्रीरामशरणम् को बहुत बुरा भला कहते हैं ! मैं विरोध नहीं कर पाती । क्या यह मेरे में दोष है ? 
परम पूज्यश्री महाराजश्री ने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि परिवार वाले आपकी साधना में अवरोधक होते हैं और यदि आप उनके कहने से साधना बंद कर देते हैं तो वे पाप के भागी होंगे ! पर यदि आप साधना करते रहते हैं तो उनको पाप नहीं छूता । थोड़ी खिट पिट रहती है पर ठीक हो जाता है कालान्तर में ! 
राम तो सूत्रधार हैं । राम जोड़ते हैं ! राम सर्वशक्तिमान हैं वे शक्ति देते हैं । पीडा सहने की नज़रअंदाज़ करने की व साधना में डटे रहने की ! सो निश्चिन्त होकर व निडरता से कहिए कि मेरे राम घर नहीं टूटने देंगे जब तक कोई मुझे न निकाल दें ! 😃 नकारात्मक माहौल में सवा करोड़ संकल्प होते रहने मानो गुरूजन की शक्ति पूर्ण रूप से अंग संग है 
विरोध करने से कभी किसी को कुछ समझ नहीं आता ! मन में कह सकते हैं कि आप मेरे प्यारों को नहीं समझेंगे ! और यही पीड़ा हमें गुरूजनों के और निकट ले आती है । हम अपने प्यारे से कह सकते हैं कि आपके विरुद्ध सुना नहीं जाता ! आप सद्बुद्धी दीजिए न कि वे व्यर्थ पाप न एकत्रित करें ! और यहाँ समझ लेना चाहिए कि यह मेरी व्यक्तिगत यात्रा है और मुझे अकेले ही करनी है .. कोई संग चलना चाहे तो स्वागत है नहीं तो मैं व मेरे गुरूजन राम नाम के साथ खुश हैं ! 
न हम किसी के न कोई हमारा 

दख लिया दुनिया का सारा नज़ारा 
हम हैं राम के राम हैं हमारा 

संतों ने बार बार यही है पुकारा

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