स्वामीजी महाराज और प्रार्थना

परम पूज्यश्री प्रेमजी महाराजश्री के मुखारविंद से ( audio recording)

स्वामीजी महाराज और प्रार्थना

महाराज सबसे प्यार किया करते थे, उन्हें अच्छा लगता था कि दूसरों के कष्ट को निवारण किया जाए , किसी को दुखी देख नहीं सकते थे । किस किस के लिए वो प्रार्थना नहीं करते थे । इज़राइल के लिए जो देश है , दूसरा देश है जिसके साथ कोई दोस्ती नहीं कुछ नहीं उसके लिए अगर इतना ध्यान करके हैं तो अपने देंसनासियों के लिए क्यों नहीं करते होंगे ।

महाराज कहा करते थे, " अपने जो नेता लोग हैं , जब देश के लिए बाहर जाते हैं , उनकी सुरक्षा के लिए मैं प्रार्थना करता हूँ ।

एक बार रामायणी सत्संग था । दिन में दस हज़ार का जाप करना होता था । महाराज मुझसे पूछते," दस हज़ार तो जल्दी खत्म हो जाता है, बाकि समय क्या करते हो? मैंने कहा पहले आप बताइए आप क्या करते हैं ? वे बोले – मैं प्रार्थना करता हूँ। " मैंने कहा – मैं भी प्रार्थना करता हूँ !
महाराज बहुत हँसते , बहुत हँसते ।

महाराज प्रार्थना करते थे सांयकाल समय , और महाराज कहा करते थे," जो कोई दूसरे के लिए प्रार्थना करता है , यदि उस समय वो भी राम नाम का आराधन कर रहा हो तो उसमें, बहुत जल्दी अच्छा प्रभाव पडता है, परमेश्वर बहुत जल्दी सुनते हैं ।"

एक बार महाराज ने कहा " कोई विद्यार्थी हों, उनकी परीक्षा हो, मेहनत करते हों, यह न हो कि मेहनत न करते हों, मुझे बताना, मैं प्रार्थना करूँगा ।
एक मेरी बहन थी, वो MA इंग्लिश की परीक्षा दे रही थी, देनी थी उसने,तो उसके लिए मैंने कहा महाराज से। आप हैरान होंगे जिनके छात्रवृति थी जो बहुत लायक समझे जाते थे उन सब से ज्यादा मार्क्स उसके आए ।"

महाराज कहा करते कि " कोंई अन्याय न हो, जिसमें न्याय हो , प्रार्थना करेंगे तो परमेश्वर अवश्य सुनेंगे ।

प्रार्थना करने के लिए कोई श्लोक नहीं पढने, कोई मंत्र नहीं पढने, अपने शब्दों में परमेश्वर से मांग करके राम राम राम राम करने लग जाएँ तो परमेश्वर कृपा करते हैं, सबकी प्रार्थना सुनते हैं।

विश्वास होना चाहिए कि मैं मांग करूँगा , परमेश्वर सुनेंगे तो परमेश्वर की अपार कृपा होगी ।"

श्री राम हम तेरी चरण शरण में हैं, तेरी कृपा माँगते हैं। परमेश्वर सब पर तेरी कृपा हो कृपा हो कृपा हो

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