Aug 25, 2017
परम पूज्यश्री श्री स्वामीजी महाराजश्री कह रहे हैं कि निज मनोरथ के लिए, पर सुधार के लिए, देश व विश्व शान्ति के लिए या किसी भी मनोरथ के लिए, सम्पुट देकर भी जप आरम्भ करते हैं ।
साधारण जप में हम
वृद्धि आस्तिक भाव की …..
का सम्पुट पढते हैं कि हम भगवन निष्काम भाव से जप कर रहे हैं और इस जप से आस्तिक भाव की वृद्धि हो और शुभता का संचार ।
इसी तरह किसी पर संकट आया हो तो …
राम नाम मुद मंगलकारी विघ्न हरे सब संकट हारी
यह सम्पुट देकर भी जाप करते हैं ।
जाप सदा प्रेम व भाव चाव से ही करने को कहा है गुरूजनों ने चाहे हम कैसा भी सकारात्मक मनोरथ क्यों न लेकर करें ।
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