परमेश्वर अपेक्षा रहित हैं 

Aug 29, 2017

आज का सुविचार 
परम प्यारे परमेश्वर हमसे किसी प्रकार की अपेक्षा नहीं रखते , बस देते जाते हैं । 
प्रभु का सेवभाव देने का है । कोई उन्हें माने या न माने , कोई पूजे या न पूजे , कोई प्रेम करे सा न प्रेम करे, वे देते ही जाते हैं । 
ऐसा नहीं कि भारत को देंगे और अमेरिका को नहीं या चीन को देंगे और अफ़्रीका को नहीं !! न ! उनके लिए कोई किसी तरह का कोई भेद भाव नहीं होता ! वे बिना भेद भाव के देते जाते हैं ! 
उनका स्वभाव पर वहाँ अलग सा हो जाता है जहाँ उनका कोई बन जाता है और जिसे वे अपना कह देते हैं ! वहाँ वे न केवल देते हैं पर ध्यान भी रखते हैं, चिन्ता भी करते हैं, हर पल नज़र भी रखते हैं ! कितने रूप धर कर मन की उल्झन सुल्झाते हैं । जहाँ किसी को नहीं भेजते वहाँ स्वयं भी चले जाते हैं ! 
पूज्य गुरूदेव ने एक कहानी सुनाई कि कैसे अपने भक्त के लिए प्रभु स्वयं वैद्य बनकर आए और तीन दिन तक सेवा की जब तक उनका प्यारा स्वस्थ न हो गया ! सो कितने लोगों को विश्व में दस्त लगते हैं पर कुछ एक के लिए वे स्वयं वैद्य बनकर चले जाते हैं ! 
इतना करते हैं सब के लिए किन्तु कभी धन्यवाद तक की अपेक्षा नहीं रखते । कभी जताते तक नहीं कि मैंने तेरे लिए यह यह किया ! ऐसा ऐसा किया । बस चुप करके करते जाते हैं ! कितना अद्भुत स्वभाव है परमेश्वर का ! 
अपेक्षा से तो दुख व अशान्ति ही आती है ! सो सुख व शान्ति के स्रोत के पास अपेक्षा होनी असम्भव ही है फिर ! 
आज परमेश्वर के इतने अनुपम गुण के आगे नत्मस्तक होकर , हम भी उनका यह गुण अपनाने की कोशिश करते हैं । करते जाएँ कार्य देते जाएँ किन्तु अपेक्षा का बीज कभी भी भीतरी आने पाए ! 
मंगलमय दिवस 

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