PM- Ignore none …

Oct 31, 2016


किसी को अनदेखा न कीजिए जो भी आपके जीवन में आए हैं, क्योंकि सम्मान से प्यार मिलता है और प्यार भीतर की ख़ुशियों का आश्वासन देता है । 
चलिए परिवार से आरम्भ करते हैं अपनी यात्रा । माता पिता , भाई बहन, पति पत्नी व बच्चे ! हर के लिए समय निकालना व हर को सम्मान देना हमारी संस्कृति है। यहाँ हम केवल यह देख रहे हैं कि हमने क्या करना है। दूसरा क्या करता है, यदि हम यह सब करते हैं वह नहीं !! 
दूसरों की अपेक्षाओं की पूर्ति हम कभी नहीं कर पाएगें । यह हमें सदा स्मरण रखना चाहिए ! यदि माता पिता की अपेक्षाओं पर नहीं खरे उतर रहे, यदि सास ससुर की अपेक्षाओं पर नहीं उतर पा रहे यदि पति सा पत्नी की अपेक्षाओं को चाह कर भी पूर्ण नहीं कर पा रहे तो दुखी नहीं होना । वह उनकी अपेक्षाएं हैं। और अपेक्षाएं हमेशा दुख ही लाती हैं ! हमें अपने व्यवहार पर ही नज़र रखनी है । 
सो स्वयं को देखना है कि हम प्यार व सम्मान दे रहे हैं न ! 
फिर आते हैं अन्य बुजुरग , पड़ोसी, मित्रगण, सहकर्मचारी, अन्य कर्मचारी जैसे सफाई, चौकीदार, गार्ड, घर व दुकान में काम करने वाले कर्मचारी । वहाँ भी स्वयं को ही देखना है कि हम ठीक व्यवहार मन वचन व कर्म से दूसरे को सम्मान दे रहे हैं न । 
चलिए अब सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति की ओर बढ़ते हैं जिनकी बातें जिनकी शिक्षाएँ कभी नज़रअंदाज़ नहीं करनी चाहिए । हमारे गुरूजन ! हर पल कृतज्ञ ! हर पल नतशिरवंदन ! जो यह सब सिखाते हैं !! अब इनके जीवन में आने से जो भी जीवन में आता है , इन्हीं की अनुमति से आता है ! सो हर उस प्राणी , व्यक्ति का हृदय से धन्यवाद ! चाहे पीड़ा मिले चाहे प्यार, चाहे तिरस्कार मिला चाहे आदर , सब गुरूजन की आज्ञा से ! सब प्रसाद ! 😇🙏🙏💕
गुरूजन के जीवन में आने के पश्चात, सीखना बंद नहीं होता। उनकी शिक्षा चलती जाती है चाहे वे देह में हों या न , वे सिखाते जाते हैं। सो उन सब दिव्य आत्माओं का धन्यवाद , जो जीवन में आए और प्रेम व शिक्षाओं से आत्मा का उत्थान करते जाते हैं। 🙏😇💕
जीवन में कई बार ऐसे लोग भी आते हैं जिनको ज्ञान , प्यार व सहारे की पिपासा हो। उन सब का भी हृदय से धन्यवाद, जो ज्ञान प्रेम की वृद्धि करवाने के सुअवसर प्रदान करते हैं। ज्ञान व प्रेम बाँटने से बढता है। 🙏😊
और यदि किसी को पेड़ पौधों, पक्षियों व जानवरों से प्रेम है तो उनका भी धन्यवाद, क्योंकि वे तो केवल प्रेम देना ही जानते हैं !!! 😇
आज की सीख 😇
जो जो इस लेख को आज व अन्य लेखों को पढते हैं, उन सब का हृदय से धन्यवाद। आप सभी के श्री चरणों में शत शत नमन । आप सभी को मेरे गुरूदेव ही भेजते हैं यहाँ व अन्य जगह । उनके प्यारों को ढेर सारा प्यार व वंदना । 

हम एक दूसरे को जानते भी नहीं पर फिर भी गुरूजन ने शब्दों द्वारा जोड रखा है । उनकी लीला शिरोधार्य !सब पर कृपा बरसे खूब बरसे ! 
श्री श्री चरणों में 🙏

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