प्रेम से कहिए झुकना सिखा दे

Feb 1, 2018

आज का चिन्तन

जब जीवन में कोई प्यार दे तो झुक जाइएगा । गद् गद् हो जाइएगा ! अतिश्य कृतज्ञ हो जाइएगा । कई बार जन्मोँ जन्म किसी ने प्यार नहीं किया होता ! सो यदि गुरूजन मिले और उनका प्यार मिले तो झुक जाइएगा । चरणी से ऊपर न देखिएगा ।

शायद तभी कुन्ती ने प्रभु से विनती की कि भगवन सदा दुख में ही रखिएगा ताकि आपका स्मरण सदा सदा बना रहे !

प्रेम व सुख ने कही प्रभु के आगे अभिमानी कर दिया तो न जाने कितने जन्म पछताते रहेंगे ! गुरू के प्रेम से यदि अहम् टूटने की बजाए उससे और जागृत हो गया तो जितने पाप जीवन भर में नहीं किये वे कुछ ही वर्षों में हो जाएंगे ! यह पूर्ण रूप से सत्य है ।

प्रेम से कहिए कि प्रेम तू यदि जीवन में आए तो हमें और झुका देना । नहीं तो रहने देना । आना ही मत ! अभिमान व अहंकार में जीने से बड़ा कोई अभिशाप नहीं !

सो जब कभी भी जीवन में कहीं से भी प्रेम मिले तो झुक जाइएगा !

आप सब का अतिश्य धन्यवाद ! आप गुरूज की कृपा से आते हैं व उन्ही की कृपा से इन लेखों को छूते हैं ! नहीं तो इन पर तो कोई दृष्टि तक न डालता !

अतिश्य धन्यवाद !

शुभ व मंगल कामनाएं

Leave a comment