ब्रह्म ज्ञान ( ५-६)

May 1, 2018

ब्रह्म एक अद्वैत कहावे, वेद उसे निरपेक्ष बतावे ।

साक्षी रूप सर्व का ज्ञाता, कर्ता पुरुष सृष्टि का त्राता ।।५।।

परम धाम सब पालन हारा, सब में सब है न्यारा सारा ।

शासक धारक जग का जाना, दाता परम वही है माना ।।६।।

परम पूज्यश्री श्री स्वामीजी महाराजश्री

सर्व आपसे ओ सद्गुरू महाराजश्री व सर्व आपका

वह ब्रह्म ही है केवल और वेद कहते हैं कि वह भेद भाव नहीं करता , पक्षपात नहीं करता । जो कुछ भी संसार में हो रहा है उसका वह साक्षी है और सब कुछ जानने वाला है । वही है समस्त सृष्टि का कर्ता पुरूष । वही हर कार्य कर रहा है । हर चीज उसी से हो रही है ।

वही बाहर एक जीव का पालन हारा। वह सब मे रहता है पर है वह सब से न्यारा । समस्त ब्रह्माण्ड का स्वामी है सबकुछ उसी ने धारण किया हुआ है । वही एक दाता है सारे विश्व का । उसी का सब है और सब उसी से है।

ऐसे परम प्यारे परमेश्वर के श्री श्री चरणों में साष्टांग दण्डवत् नमन

Leave a comment