अद्भुत भेंट

June 19, 2018

आज देखिए कौन मिला !!

एक छोटा सा कछुआ !!

आज काम से निकली मेन रोड पर आई तो यह छोटे से जनाब सड़क के बीचों बीच ! बाप रे ! उस समय लाल बत्ती थी तो गाड़ियाँ नहीं आ रही थी ! गर्दन बाहर कर बड़ें आत्मविश्वास से साहब सड़क के बीच ! पर मेरा हृदय तो …. !!

मैंने जल्दी से गाडी पार्किंग पर लगाई और बाहर निकली कि देखूँ कि कुछ कर सकूं ! मैं निकली ही कि गाड़ियाँ तेज़ रफ़्तार से आनी शुरू हो गई ! ओह ! हृदय पर हाथ थामे रखा ! एक गाडी तेज़ी से निकली इसको पार करती ! कछुए ने अपनी गर्दन बिल्कुल अपने शरीर के अंदर कर ली थी तब तक। फिर एक और गाडी निकली ! तीसरी गाडी से इसे लगा और यह पलट गया उल्टा !

अब हरि बत्ती हो गई तो मैं भागी । मैंने कभी कछुए को छूआ नहीं था । पर उसे उठाया और फुटपाथ पर ले आई ! वह बिल्कुल न हिला । मेरे मन में आया कि इसे घर ले आऊं ! पर मेरे कार्य क्षेत्र के पीछे छोटी सी जंगल में से नदि बहती है । वहीं से यह बेचारा बाहर आ गया होगा !

मैं चल पडी । दरवाजा ठीक से न बंद होने पर फिर गाडी रोकी ! तो पीछे देखा तो कछुआ जा चुका था !

पर बहुत खुशी हुई ! सारे रास्ते ! कि आज प्रभु ने कैसा अद्भुत कार्य करवाया !

आज सुबह ही लिखवाया था कि भगवन इस देह मन व आत्मा से जो कार्य लेने हैं कृपया लीजिए ! करने वाले इच्छा डालने वाले वे स्वयं !

अद्भुत भेंट !

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