अद्भुत भेंट

June 22, 2018

कुछ तो अद्भुत है !!

आज काम पर देरी से जाना था, सुबह की ठण्डक, सैर पर निकल गई । मन ही मन देख रही थी अपने मन को कि क्या वह इच्छा या इंतजार तो नहीं कर रहा । मुझे प्रभु की मीठी लीलाएँ पसंद है न कि अपनी इच्छाएं थोपनी ! सो मन पर निगरानी थी ! खैर , कोई नहीं मिला ।

काम पर गई और जल्दी आज वापिस आ सकते थे । सो दोपहर से पहले ही आ गई । घर के लिए आखिरी मोड़ लेना था कि देखा कोई इंतजार कर रहा था !

मैंने गाडी रोकी और फ़ोटो ली ! उन्होंने देखा ! व फिर मस्ती से खाते रहे और फिर जंगल में चल दिए ।

शाम को परिवार के सदस्य से पता लगा कि पूरा परिवार है । बारासिंगा भी उन्हें दिखा व अन्य ४-५ हिरण !

मैं मंद मंद मुस्कुराई ! मेरे संग तो एक हैं जो लीला खेल रहे हैं ! स्वयं भी आनन्द ले रहे हैं, मुझे भी आनन्द दे रहे हैं और पाठकों को भी !

आप सभी को स्मरण होगा कि एक पोस्ट में वर्णन करवाया था कि जब पूज्यश्री महाराजश्री मेरिलैंड के श्रीरामशरणम् आए थे तो लग भग ४-५ हिरण उनके अतिश्य निकट आ गए थे और वे उनसे धीमी धीमी प्रेम भरी वार्तालाप कर रहे थे !

अद्भुत प्रेममयी लीला ! कैसे उन्हें पता था कि सांय समय आज सैर न जा पाएगी सो कैसे मिलने आ गए !

अद्भुत !

श्री श्री चरणों में

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