June 8, 2019
धार्मिकता से अध्यात्म की ओर
जब फुलवारी में जगह खाली होती है तो बूटी आती रहती है जब वहाँ ख़ाली जगह नहीं होती तो बूटी नहीं आ सकती क्योंकि जगह ही नहीं होती !!
इसी तरह हमारा मन यदि ख़ाली है तो इतने व्यर्थ के विचार आते रहते हैं और यदि हम जीवन में भी कुछ नहीं करते तो भी अनेकों विचारों की भीड़ रहती है , चाहे बच्चे हों या बड़े।
सो साधक हैं तो राम नाम से भर दें तो विचार रूपी बूटि नहीं आएगी ! और यदि साधक नहीं है तो अपने आपको व्यर्थ रखें तो भी व्यर्थ बूटि नहीं आएगी !
पूज्यश्री स्वामीजी महाराजश्री तो यहाँ तक कहते कि कपड़े को फाड़ कर सिलने लग जाओ यदि इतना समय है तो !
सो हम नाम जाप से स्वयं को भरते रहें ताकि व्यर्थ विचारों की बूटि न आने पाए !!
हर पल हर घड़ी सुमिरन हो तेरा
ऐसा बनाते प्रभु जीवन मेरा !