आज की कृतज्ञता

March 11, 2020

हे राम मुझे दान कर, अनन्य सुभक्ति आप।
कर्मयोग से मैं लखूं तेरी रास अपाप ।

आज की कृतज्ञता

हे राम ! आपका धन्यवाद ! आप मेरे गुरूजन बनकर आए ! आपका अनन्त धन्यवाद ! आपने हम जैसों को अपनाया, नाम दान देकर हृदय से लगाया, आपका बारम्बार धन्यवाद ! अनन्त बार धन्यवाद !

उसका रहूँ कृतज्ञ मैं, मानूँ अति आभार
जिसने अति हित प्रेम से मुझ पर कर उपकार !

शुकराना शुकराना सद्गुरू तेरा शुकराना

सर्व श्री श्री चरणों में

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