March 11, 2020
हे राम मुझे दान कर, अनन्य सुभक्ति आप।
कर्मयोग से मैं लखूं तेरी रास अपाप ।
आज की कृतज्ञता
![](https://ramupasana.wordpress.com/wp-content/uploads/2020/03/img_8843.png)
हे राम ! आपका धन्यवाद ! आप मेरे गुरूजन बनकर आए ! आपका अनन्त धन्यवाद ! आपने हम जैसों को अपनाया, नाम दान देकर हृदय से लगाया, आपका बारम्बार धन्यवाद ! अनन्त बार धन्यवाद !
उसका रहूँ कृतज्ञ मैं, मानूँ अति आभार
जिसने अति हित प्रेम से मुझ पर कर उपकार !
शुकराना शुकराना सद्गुरू तेरा शुकराना
सर्व श्री श्री चरणों में