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राम राम जी,
‘गुरु महाराज जी’ की कृपा से आज तीसरा ‘ बुक क्लब'( पंजाब ) मैं हुआ | आज हमने’ श्री स्वामी सत्यानंद महाराज जी ‘की जीवन गाथा “तीसरा अध्याय” किया | गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा वह है जब हम समस्त संसार में, गुरु देखते हैं और संसार के साथ, गुरु जैसा व्यवहार करते हैं "|

  • हमने पढ़ा की स्वामी जी का जन्म 7 अप्रैल 1868 पाकिस्तान रावलपिंडी में हुआ |
  • हमने पढ़ा की चुनौतियां ही हमें शक्तिशाली बनाती है
  • जब बच्चों ने सुना कि महाराज जी 6 साल के थे, उनका इस दुनिया में कोई ना रहा | उनका जीवन कितनी कठिनाइयों से निकला |
  • एक बच्चा बोला मैं भी 6 साल का हूं| वह अपनी मम्मी पापा के बगैर कैसे रहे होंगे | (आयु 6)
  • एक बच्चे ने एक चित्र बनाया जिसमें हर जगह राम लिखा था | बच्चा बोला हर जगह राम है | (आयु 5)
  • तीसरा बच्चा बोला हम सब में गुरु जी हैं | (आयु 5)
  • बुक क्लब “में बड़ी प्यारी प्यारी बातें हुई | स्वामी जी का बचपन जानकर बच्चे थोड़ा उदास थे |
  • हमने सीखा चुनौतियां आएंगी हमें उनका डटकर सामना करना चाहिए| जैसे” स्वामी जी महाराज जी” ने किया था |हमें चुनौतियों से डरना नहीं चाहिए, जब चुनौतियां आएंगी “महाराज जी “को याद करना, हमारी रक्षा करेंगे |
  • “स्वामी जी “इतनी चुनौतियां सहन कर कर, इतने बड़े” महाराज जी’ बने आज बहुत खुश होंगे कि इतने छोटे छोटे प्यारे प्यारे बच्चे मेरी जीवन गाथा सुन रहे हैं |
    ” मेरे राम जी की कृपा” |
    “मेरे गुरु महाराज जी की कृपा”|
    “धन्यवाद अनुपमा दीदी”

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