दिपावली के शुभ अवसर पर व्रत

परम पूज्यश्री जॉ विश्वामित्रजी महाराजश्री के मुखारविंद से

दिपावली के शुभ अवसर पर

SRS Nov 3, 2010

0:00- 6:23

दिवाली के महोत्सव पर आप सबको असंख्य बार बधाई देता हूँ शुभकामनाएँ मंगल कामनाएँ । आज से इस महोत्सव का प्रथम दिवस शुरु होता है। पाँच दिनों का यह महोत्सव है।धनतेरस से शुरु होता है भइया दूज तक चलता है और समाप्त होता है। मुख्य पर्व दीपावली है आज ही आप सबको बहुत बहुत बधाई देता हूँ शुभ कामनाएँ मंगल कामनाएँ । परमेश्वर सबको सुख शान्ति बक्शें, नाम भक्ति बक्शें, आत्म ज्ञान बक्शें , सदाचारी जीवन बक्शें , दिव्य जीवन बक्शें, अच्छे इंसान बने, नेक इंसान बनें। अच्छे साधक बनें। ताकि जिस लक्ष्यों लिए यह जीवन मिला हुआ है ताकि उस लक्ष्मी पूर्ति हो सके। अति शुभ कामनाएँ मंगल कामनाएँ ।

यदि कुछ साधक साधकजनों इन दिनों व्रत लेना चाहें, कि मैं रोज़ गिनती का बीस हज़ार किया करूँगी, रोज़ आधे घण्टा सुबह आधे घण्टा शाम को ध्यान के लिए बैठा करेंगे , सुबह का समय 5-5:30 या उससे पहले सांय 6:30-7 या फिर सोने से पहले, रोज़ अमृतवाणी का पाठ किया करेंगे, रोज़ स्थित प्रज्ञा लक्ष्ण या उपासक का आंतरिक जीवन या कथा प्रकाश से उससे एक दो पृष्ठ पढ़ा करेंगे। साधक ऐसे जो व्रत का पालन करना चाहें, बहुत से ऐसे हों जो कर भी रहें होंगे लेकिन जो साधक ऐसा व्रत लेना चाहते हैं, मेहरबानी करके श्रीमति कपिला जी को या अनिल दिवान जी को अपना नाम लिखवा दें।नाम सिर्फ़ इसलिए कि आपको याद रहेगा कि हमने श्री रामशरणम् में बैठकर यह व्रत लिया है। उसके बाद हम कहीं भी हैं, हम इस व्रत का पालन करेंगे।

कुछ स्थानों पर यह सब शुरू हो गया हुआ है। साधकों में जो उत्साह देखने को मिला है, मैं उससे बहुत प्रभावित हुआ हूँ । ग्वालियर से शुरू हुआ, रोहतक वालों ने follow किया । अभी जम्मू में तो अति हो गई। कई दिन तक वे अपने नाम लिखवाते रहे। तो इससे प्रभावित होते, प्रसन्न होते, हर्षित होके सोचा अभी यह सूचना तो विश्व भर में जाएगी, तो आप भी यदि शुरु करना चाहें तो शुरू कर सकते हैं।

जो कुछ कहा है या ऐसा नहीं कहना, ऐसे लोग अपना नाम न लिखवाएँ जो यह कहते हैं कि हमारा ज़ाप चलता रहता है। नहीं। यह गिनती का बीस हज़ार का ज़ाप या उससे अधिक। जो गिनती करें, सुबह शाम ध्यान के लिए बैठें, अमृतवाणी का पाठ रोज़ करें, एवं उपासक का आंतरिक जीवन या स्थित प्रज्ञा लक्ष्ण या कथा प्रकाश से एक दो पृष्ठ रोज़ पढ़ने का व्रत लें, केवल वही नाम लिखवाएँ। ज़रूरी नहीं कोई बंधन नहीं। आप स्वतंत्र हैं, यहाँ कर सकते हैं, फ़रीदाबाद तक कहें वहाँ कर सकते हैं। जहां कहीं पर भी हैं, ऐसा नहीं कि यह आपको श्रीरामशरणम में बैठ कर ही करना है।सम्भवतया इंदौर में जल्दी शुरू हो जाएगा। शायद कुछ जगहों पर announcements हो भी चुकी हों। तत्काल शुरू कर देते हैं लोग। बहुत करते भी हैं, लेकिन नियम पूर्वक । नियम पूर्वक इसको निभाने का जो व्रत है, लेना चाहते हैं लेते हैं उनका हार्दिक स्वागत है।मेहरबानी करके बहुत अच्छे दिन हैं, आज से शुरू करना चाहें अति शुभ दिन। नव वर्ष है दीपावली के बाद उन दिन शुरू कीजिएगा । पाँचों दिन बहुत अच्छे हैं, अच्छे माने जाते हैं, संकल्प लेने के। व्रत लें इसका पालन करें। हार्दिक धन्यवाद ।

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