Category Archives: Book – कृतज्ञता द्वारा मन का रुपांतरण

ध्यान २(c)

परम पूज्यश्री डॉ विश्वामित्र जी महारजश्री के मुखारविंद से

ध्यान २(c)

14:00- 17:55

साधकजनों कल तो नहीं परसों राजा अश्वपति की चर्चा करेंगे । ब्रह्मज्ञानी हैं वे, आत्म साक्षात्कार उन्हें परमात्मा का साक्षात्कार हो चुका हुआ है।छांदोक्य उपनिषद में उनकी बहुत सुंदर कथा आती है।परसों करेंगे । कल तो जप शुरू होगा । कल तत्काल जप के बाद ध्यान में हम बैठ जाएँगे। बाकि दिन साधकजनों जैसे आज भक्ति प्रकाश का पाठ हुआ उसके बाद हमें ध्यान के लिए बैठना था। जिस दिन ध्यान के लिए बैठेंगे उस दिन ध्यान के बाद जो भी अमृतवाणी का नेतृत्व कर रहे हैं, जैसे ही समय होगा सर्वशक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नम: का पाठ शुरू कर देंगे तो कार्यक्रम के सत्संग की समाप्ति हो जाएगी । मैं दूसरी बार राम नहीं बोलूँगा । जो सत्संग का नेतृत्व कर रहे हैं वे समय से समाप्ति करेंगे तो हमें पता चल जाएगा कि समाप्ति हो गई है ।

समय हो गया है यहीं समाप्त करने की इजाज़त दे दीजिएगा । आप ज़रूर कोशिश कर रहे होंगे कल से । बहुत लम्बी यात्रा है देवियों और सज्जनों । जप को तो हम बहुत seriously नहीं लेते। सो जप में हम बातें भी करते रहते हैं। टीवी भी देखते रहते हैं। इधर भी देखते हैं, उधर भी देखते हैं, इनसे भी बात सुनते हैं इनको भी देखते हैं कि क्या हो रहा है। सब पता रहता है। काश ! हमने जप को महत्व दिया होता । तो हमारे लिए ध्यान बहुत आसान हो जाता ।

जप के वक्त जब आप अपनी खिड़की दरवाज़े बंद करके रखते हैं, तो फिर ध्यान में अपने खिड़की दरवाज़े बंद करने में आपको कठिनाई महसूस नहीं होगी । अन्यथा ध्यान में बहुत कठिनाई आती है। कठिनाइयाँ आएंगी तो पता चलेगा कि कितना जटिल मार्ग है कितना कठिन मार्ग है। कितनी गलतियां हम करते रहे हैं और कितनी गलतियां हम करते जा रहे हैं । अभी भी गलतियां बंद नहीं हुई ।

शुभ कामनाएँ साधकजनों ! अपेक्षा रखता हूँ । कोई न कोई साधक तो अपनी सही समस्या लेकर मेरे सामने आएगा । अठारह साल हो गए हैं साधक जनों किसी एक व्यक्ति ने आज तक , लाखों की संख्या में साधक हो गए हैं, किसी एक व्यक्ति ने आज तक अपनी ध्यान की समस्या मेरे साथ discuss नहीं की। आँखें बिछाए बैठा हूँ । कोई को आके सही समस्या मेरे साथ आके discuss करे। चालिस लाख का loan हो गया है, एक करोड़ का loan हो गया है, मैं क्या करूँ उसमें? परमात्मा क्या करेंगे उसमें? ऐसी समस्याओं का क्या किया जाए । waste of time. जिस समस्याओं के लिए सुलझाने के लिए यहाँ आते हैं, वे समस्याएं तो वैसे की वैसी ही बनी हुई हैं। उनको सुलझाने का कोई प्रयत्न ही नहीं है किसी का।

शुभ कामनाएँ देवियों और सज्जनों मंगल कामनाएँ । परमेश्वर की कृपा मेरे गुरूजनों की अपार कृपा सदा सदा सब पर बने रहें

New Book!

जय जय राम जी

आज July 29 के मंगलमय पावन दिवस पर गुरूजनों के श्री चरणों में यह पावन पुस्तक “ कृतज्ञता द्वारा मन का रुपांतरण “ अर्पित है।

परमेश्वर कृपा करें कि यह पुस्तक हर एक के जीवन में स्मृतियों से आरोग्यता प्रदान करके, जीवन में कृतज्ञता के भावों का बीजारोपण करें और सभी कि जीवन ख़ुशियों से भर दे ।

सर्व श्री श्री चरणों में
सर्व अर्पण

मंगल नाम राम राम
मंगल नाम राम राम