Jan 3, 2018
आज का सकारात्मक विचार
आपका इस सृष्टि में माएने है
यह कभी नहीं भूलना कि आप माएने रखते हैं। विफलताओं के दौर में भी कभी नहीं अपनी मान्यता खोनी ~ डॉ गौतम चैटर्जी
क्योंकि हम परमेश्वर की सृष्टि का एक अंग हैं , हम माएने रखते हैं। क्योंकि हम दिव्यता के अंश हैं, हम बहुत माएने रखते हैं !
पर हम स्वयं को ही मान्यता नहीं देते ! मान्यता देना अहंकार पोषित करना नहीं !! न ! स्वयं को मान्यता मतलब हम परमेश्वर के अंश होने का स्वयं को आदर वहीं देते ! हम कुछ करने की आवश्यकता भी नहीं है कुछ साबित करने की आवश्यकता भी नहीं है ! हमारा यहां होना ही पर्याप्त है, ऐसा संतगण कहते हैं !
हमसे अथाह प्रेम किया जाता है बिना किसी कारण ! पर हम महसूस नहीं करते! न ही मानते हैं ! इस कारण अकेलापन विरानापन इत्यादि इत्यादि जैसे शब्द जीवन के लिए उपयोग करते हैं ! वह महसूस हो सके कि हमसे प्रेम किया जाता है, और जो करता है वह भीतर ही है, तो जीवन में सुर कुछ और ही बजें ! फिर तो कोई हो न हो, सफलता हो या विफलता, अनुकूल परिस्थिति हो या प्रतिकूल , पाँवतो किसी और ताल पर ही नृत्य करें !
सो अपने आप से प्यार कीजिए, दुलार कीजिए , अपने आप को देखकर मुस्कुराइए और उसी खुशी के साथ दूसरो को खुशी दीजिए !
बाहरी परिस्थितियाँ तो ऋतुओं जैसी होती हैं ! बदलती रहती हैं ! पर भीतर गुरूजन कहते हैं वह अमृतरस अविरल बहता है! सो हर परिस्थिति में अपने से प्यार करें !