क्या करें जब हमें पता चले कि हमारा जीवन साथी हमें धोखा दे रहा है ?
इस विष्य पर परम पूज्यश्री महाराजश्री ने एक कहानी बताई –
एक परिवार में दो लड़के व एक लड़की थे । बच्चे कुसंस्कारी थे। मेहनती नहीं थे । मुफ्त का पैसा मिल जाए इन चीज़ों में दिमाग़ रहता था। सो उन्होने एक योजना बनाई । लड़की का विवाह करने की सोची । और विवाह उपरान्त लड़के को मार कर विवाह की धन राशी ले जाने की योजना बनाई ।
विवाह हुआ । वर और वधु विवाह के पश्चात लड़की वालों के जब फेरा करने जाना होता है तो लड़की की जिद से जंगल से होते गए । बीच में लड़की के भाइओं ने वर पर आक्रमण किया और उसे पीट कर एक कुएँ में गेर दिया ।
जिसको राखे साइँया मार सके न कोए।
लड़का बच गया । वह बहुत ही संस्कारी युवक था और साधक। वह वापिस ससुराल पहुँचा । भाई व बहन देख कर हैरान हो गए । वधु को सम्मान सहित घर लाया ।
कितने वर्ष पश्चात आज वे वृद्ध थे । घर में बेटे बहुओं व पोतों की रौनक़ । आज एक छोटी बहु ने प्यार से पूछा – बाबा! आजकल आप अधिकतम समय मौन रहते हैं और यह माला पकड़ी रखते हैं ।
बाबा बोले- बिटिया ! इस माला की क्या क्या बातें बताऊँ । इस माला ने मुझे नया जीवन दिया, धोखा व कपट के प्रति सहनशील बनाया, क्षमा करना सिखाया !
उन्होंने जब यह वाक्य कहे , उनकी पत्नी सब समझ गई कि इतने वर्ष मेरे पति को सब पता होते हुए भी वे कैसे शान्त रहे गृहस्थी चलाई और वह हर पल ग्लानि में तड़पती रही ! पति ने हर कर्तव्य निभाया ! सब जानते हुए भी !
सो बाबा बोले – हर वर्ष मैं यह माला करनी बढा देता और मुझे बहुत कुछ इससे मिला है । कि अब तो कुछ बोलने तक की आवश्यकता नहीं !
सो साधना , नाम जप बहुत बहुत बल देता है परिवार को बनाए रखने का , धैर्य देता है व क्षमा भी करना सिखाता है, पीडा से आरोग्यता भी देता है ।
यह एक साधक का नज़रिया गुरूजनों ने बताया है । कई बार बच्चों के ख़ातिर सदस्य परिवार नहीं तोड़ना चाहते । सो राम नाम बहुत चीज़ें सम्भव करवा देता है ।